qurbani smile alehi salam ki

                       इस्माइल अलेही सलाम 
हजरत इस्माइल अलेही सलाम का अभी बचपन ही था और अभी उनकी मां हजरत हाजरा भी जिंदा थी      
  कि अल्लाह के तरफ से एक रोज हजरत इब्राहिम अलही सलाम के ख्वाब में अल्लाह ताला ने कहा कि अब्राहिम कुर्बानी करो ।   
             
हजरत इब्राहिम अली सलाम जब नींद से जागे तो सुबह अपने 100 ऊंट कुर्बान किए।
 इसके बाद जब हजरत इब्राहिम को अगले रात में सोए तो उन्हें फिर से ख्वाब आया और अल्लाह ताला ने फरमाया की 
 ऐ इब्राहिम कुर्बानी करो हजरत इब्राहिम अली सलाम जब नींद से जागे तो उन्होंने 100 बकरियां कुर्बान कर दी 
 उसके बाद फिर अगले रात उन्हें यह ख्वाब आया इब्राहिम जो तुम्हारा सबसे अजीब हो तुम उसकी कुर्बानी पेश करो
  हजरत इब्राहिम अलही सलाम जब नींद से जागे तब उन्होंने अपने ख्वाब का पूरा हाल हजरत हाजरा को सुनाएं उसके बाद हजरत इब्राहिम अली सलाम ने हजरत इस्माइल अलेह सलाम से कहा किए बेटे मैं तुझे खुदा की राह में कुर्बान करना चाहता हूं 
  
मुझे अल्लाह ने अपने ख्वाब में यह हुक्म दिया है , 
हजरत इब्राहिम अली सलाम ने कहा यह मेरे बेटे तुम्हारी क्या राय है?

 हजरत इस्माइल अलेह सलाम ने जवाब दिया कि अब्बा जान आप फिक्र न कीजिए और बेझिझक मुझे कुर्बान कर दीजिए।
 
 अगर खुदा ने चाहतों आप मुझे कुर्बान करने के बाद सब्र वाला पाएंगे। बेटे को राजी पाकर हजरत आदम अलेह सलाम ने कुर्बानी करने के लिये ठानी 
 
हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने अपने प्यारे बेटे हजरत इस्माइल अलहीसलाम के हाथ-पांव बांध दिए और जिबाह करने के लिए हजरत इस्माइल को जमीन पर लिटा दिए
 हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने चाकू निकालकर हजरत इस्माइल के गले पर चलाई लेकिन खुदा की कुदरत से हजरत इस्माइल महफूज रहे और गैब से आवाज आई इब्राहिम तूने ख्वाब में जो देखा वह सच कर दिया   
 इब्राहिम अलैहिस्सालम अभी इस्माइल को लीटाकर छूरी निकाले ही थे के उसी वक्त हजरत जिब्रील जन्नत से एक दुंबा लाए और उसी को इस्माइल की जगह रख दिए 
 जब हजरत इब्राहिम ने हजरत इस्माइल के ऊपर से कपड़ा हटाया तो देखा कि हजरत इस्माइल की जगह एक दुंबा वहा लेटा है यह देख कर हजरत इब्राहिम बहुत खुश हुए और उन्हें यह समझ आ गया कि अल्लाह उनका इम्तिहान ले रहा था।
 
 इसीलिए हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम ने अपने सहाबा ओं से यह जिक्र किया की ए सहाबा क्या तुम्हें पता है कुर्बानी हजरत इब्राहिम की सुन्नत है। 
 
हजरत इब्राहिम अलैहिसलाम के पास हजरत जिब्रील खुदा का हुक्म लेकर आए 

कि तुम और इस्माइल काबे की तामीर करो और दुनिया वालों को बैतुल्लाह के हज के लिए दावत दो। 
हजरत इब्राहिम अलेही सलाम मुल्क शाम से मक्का आए और हजरत इस्माइल को साथ लेकर काबे की तामीर शुरू कर दी।
 हजरत जिब्रील ने काबे की जगह और उसकी लंबाई चौड़ाई हजरत इब्राहिम को बताइए। 
 हाल यह था कि हजरत इस्माइल पत्थर पहुंचाते थे और हजरत इब्राहिम दीवार बनाते थे हजरत इब्राहिम ने दुआ की अल्लाह बेशक तू हमारी दुआ कुबूल करने वाला है बेशक तू सुनने और जानने वाला है ।
 
 हजरत जिब्रील ने हज का और तवाफ का तरीका हजरत इब्राहिम को सिखला दिए हजरत इब्राहीम ने हजरत इस्माइल को वहां का जिम्मेदार बनाया और इस खाना है काबा का उनको निगरा बनया चलते वक्त हजरत इब्राहिम ने अल्लाह की जानिब से दुआ की के अल्लाह मैं अपनी औलाद को इस बियाबान में छोड़ रहा हूं तू अपनी कुदरत से इनकी हिफाजत करना।
  हक ताला ने लोगों के दिलों को ऐसा फेरा की कयामत तक लोग दुनिया के कोने कोने से वहां पहुंचते रहेंगे।
  
 हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम तवाफ और हज के लिए मक्का आए हजरत इस्माइल ने उनकी बड़ी मेहमान दारी और खिदमत की। बीवी सारा भी राजी और खुश हुई. हजरत इसहाक भी मक्का तशरीफ लाते और हज करते और जबीहुल्लाह हजरत इस्माइल से मिलते हजरत इब्राहिम की उम्र तमाम होने को पहुंची। 
 
आप काफी कमजोर हो गए मलकुल मौत रूक कब्ज करने के लिए आया इब्राहिम ने मौत के फरिश्तों से कहा। 
रब से पूछो कि क्या कभी किसी दोस्त ने किसी दोस्त की जान ली है जो मेरी जान लेने का हुक्म दिया है खुदा ने फरिश्तों से कहा,  
मेरे खलील से कह दो, 
क्या तूने सुना है किसी दोस्त ने किसी दोस्त की मुलाकात से इनकार किया हो? 

हजरत इब्राहिम ने यह सुनते ही मलकुल मौत से कहा, तुम खुदा का हुक्म और उसकी कही हुई बातों पर अमल करो। हजरत इब्राहिम ने एक बार अल्लाह की जानिब से दरख्वास्त की इलाही तो मुर्दों को कैसे जिंदा करेगा? खुदा ने फरमाया , 

क्या तुझे इस पर यकीन नहीं है? 
हजरत इब्राहिम ने कहा , 
ईमान और यकीन तो है लेकिन दिल की तसल्ली और इत्मीनान चाहता हूं।  

फरमाया गया 4 परिंदे लो और उन्हें अपने साथ खूब हीला मिला लो और उसका एक हिस्सा अलग-अलग पहाड़ों पर रख दो फिर उन्हें बुलाओ वह तुम्हारे पास भागे चले आएंगे यह सुनकर हजरत इब्राहिम अली सलाम खुश हुए इत्मीनान हुए दिल को तसल्ली मिली और मलकुल मौत से कहा मुझे ले चलो






दोस्तों आपको यह हमारा पोस्ट कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं

कोई टिप्पणी नहीं:

Hazrat Ali Raziallahu anhu Hazrat Ali golden words

मेरे मोहतरम मेरे अजीज दोस्त एवं भाइयों अस्सलाम वालेकुम आज मैं आपको बताने जा रहा हूं हजरत अली रजि अल्लाह आल्हा की खूबसूरत और बेहतरीन हर्षदा उ...

Popular